Type Here to Get Search Results !

विकास दुबे स्टाइल में लखनऊ कमिश्नरेट का पहला एनकाउंटर



-पुलिस की कस्टडी से पिस्टल छीन कर भाग रहा था कुख्यात इनामिया बदमाश
-अजीत हत्याकाण्ड मामले में फरार शूटर खौफजदा, सरेंडर करने से परहेज



लखनऊ। प्रदेश के बहुचर्चित पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड का मुख्य शूटर गिरधारी उर्फ डॉक्टर के पुलिस एनकाउंटर ने विकास दुबे की याद दिला दी। पुलिस ने रिमांड के आखिरी दिन यानि सोमवार तड़के तीन बजे पुलिस अभिरक्षा से पिस्टल छीन कर फरार होने की कोशिश के दौरान गिरधारी को मार गिराया। यह पूरा घटनाक्रम ठीक वैसे ही हुआ जैसा कुख्यात बदमाश विकास दुबे के एनकांउटर के समय घटित हुआ था। मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद विकास दुबे ने भी पिस्टल छीन कर पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश की और मारा गया था।


पुलिस कमिश्नरेट का पहला फुल एनकाउंटर

रिमांड के दौरान गिरधारी ने पूर्व सांसद समेत कई अन्य सफेदपोशों के नाम को भी उजागर किया था। सूत्रों की मानें तो अजीत हत्याकाण्ड में कई सफेदपोशों का नाम सामने आना पुलिस प्रशासन के लिए सिर दर्द बन गया था। उधर मीडिया और आये दिन बयानबाजी से परेशान लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने मौका मिलते ही बदमाश के फरारी के दौरान उसे ढेर कर दिया। हालांकि पुलिस कमिश्नरेट का यह पहला अचूक निशाना था, जिसमें गिरधारी ढेर हुआ है। करीब एक वर्ष की कमिश्नरी सिस्टम में पुलिस की गोली से करीब दो दर्जन बदमाश गिरफ्तार होने के साथ ही कई बदमाश भागने में भी कामयाब रहे।  

गिरधारी के सीने में कई राज दफन

जिस तरह बिकरू काण्ड मामले में विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद पुलिस और सफेदपोशों के गठजोड़ उसी के सीने में दफन हो गया। उसी तरह गिरधारी के सीने में भी कई राज सिर्फ राज ही बनकर रह गया। सूत्रों की मानें तो जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी रहे अजीत सिंह की हत्या में कई सफेदपोशों के नाम भी पुलिस तफ्तीश में सामने आये हैं। जिस तरह पूर्व सांसद के कहने पर गोली से घायल शूटर का एक ऊंची पहुंच वाले डॉक्टर से इलाज होना और नाटकीय ढंग से गिरधारी का अवैध असलहे के साथ दिल्ली में गिरफ्तार होना और फिर रिमांड के दौरान पुलिस कस्टडी के दौरान भागने के दौरान एनकाउंटर एक राजनीतिक साजिश की ओर इशारा कर रहा है। हालांकि गिरधारी के मारे जाने के बाद अब पुलिस चाह कर भी सफेदपोशों के गिरेबान तक नहीं पहुंच सकेगी। उधर कोर्ट में सरेंडर के फिराक में लगे फरार शूटर और उनके मददगार गिरधारी के मारे जाने के बाद खौफजदा हैं। सूत्रों की मानें तो शूटरों ने अब कोर्ट में सरेंडर करने का भी इरादा बदल दिया है। वहीं पुलिस सरगर्मी से उनकी तलाश में जुटी है।



ऐसे हुआ था विकास दुबे का एनकाउंटर

कानपुर कांड के मुख्य आरोपित विकास दुबे को यूपी एसटीएफ  ने 10 जुलाई 2020 की सुबह एनकाउंटर में मार गिराया था। विकास दुबे पर कानपुर के एक सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या करने का आरोप था। उस पर पांच लाख का इनाम घोषित किया गया था। नौ जुलाई की सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर से विकास दुबे को पकड़ा गया था। इस दौरान वह जोर-जोर से चिल्ला रहा था कि मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला। इसके बाद उज्जैन पुलिस ने उसे देर शाम यूपी एसटीएफ को सौंप दिया। कानपुर में पुलिस ने उस समय मुठभेड़ में विकास दुबे को मार गिराया जब वो गाड़ी पलटने के बाद पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश कर रहा था। इस मुठभेड़ में चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।
...................
"