लखनऊ। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सोमवार को विधानमंडल के बजट सत्र में भारी भरकम बजट पेश किया। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधान भवन में अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधानसभा में अध्यक्ष ह्दयनारायण दीक्षित की मंजूरी के बाद बजट का भाषण शुरू किया।
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने उत्तर प्रदेश का बजट एक घंटा 40 मिनट में पेश किया। खन्ना ने 2021-2022 का कुल बजट 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ का पेश किया। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2020-21 में बजट 5.12 लाख करोड़ रुपये का था। इस तरह बीते वर्ष की अपेक्षा इस वित्तीय वर्ष का बजट 38 हजार करोड़ रुपया ज्यादा का है।
खन्ना ने बताया कि प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार बेहद गंभीर है। इसके लिए 1950 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तवित है। लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई में नई लैब की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही नौ मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो रहा है। पीजीआई लखनऊ में डायबिटिक रोगियों के लिए अलग नई व्यवस्था की जाएगी।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार के बजट से पहले कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में बजट 2021-22 को मंजूरी दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही वित्त मंत्री सुरेश खन्ना तथा अन्य मंत्री विधान भवन रवाना हो गए।
किसको मिला कितना बजट
- कन्या सुमंगल योजना के लिए 1200 करोड़
- महिला शक्ति केंद्रों के लिए 32 करोड़ रुपये
- गांव में स्टेडियम के लिए 25 करोड़ रुपये
- संस्कृत स्कूलोंं में फ्री छात्रावास की सुविधा
- बीमा के लिए 600 करोड़ की व्यवस्था
- अधिवक्ता चैंबर के लिए 20 करोड़ रुपये
- प्रदेश की नहरों के लिए 700 करोड़ रुपये
- डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के लिए 32 करोड़ रुपये
- पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए 1107 करोड़ रुपये
- निर्माणाधीन मेडिकल कालेजों के लिए 950 करोड़ रुपये
- चित्रकूट में पर्यटन के लिए 20 करोड़ रुपये
- वाराणसी में पर्यटन के लिए 100 करोड़ रुपये
- सीएम जन आरोग्य योजना के लिए 142 करोड़ रुपये
सूबे के इतिहास में पहला कागज रहित बजट : योगी आदित्यनाथ सरकार सोमवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेगी। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना सुबह 11 बजे विधानसभा में तो विधान परिषद में नेता सदन डा. दिनेश शर्मा बजट प्रस्तुत करेंगे। सरकार का यह पांचवां और आखिरी पूर्ण बजट होगा। सूबे के इतिहास में पहला कागज रहित बजट भी होगा।