Bihar News : बिहार में कोरोना काल के दौरान हो रहीं शादियां अकसर सुर्खियों में रहती हैं। इसी तरह का एक विवाह सिवान में हुआ। यहां लड़की पक्ष के लोग लड़के वालों के घर बरात लेकर पहुंच गए। बिना पंडित के ही आपसी रजामंदी से शादी संपन्न हुई।
Bihar News : कोरोना वायरस की मार से हर तबका परेशान है। आमदनी घटी तो लोग कम खर्च में अपने कार्यों को निपटाने लगे हैं। सबसे ज्यादा तो मांगलिक कार्यक्रम प्रभावित हुए हैं। धूमधाम से हजारों लोगों को अपने यहां आमंत्रण देकर मांगलिक कार्यक्रम आयोजित करने वाले परिवार सिर्फ गिनेचुने रिश्तेदारों तक सिमट कर रह गए हैं। बिहार के सिवान में हुई एक शादी चर्चा में है। लड़की पक्ष के लोग लड़के वालों के यहां बरात लेकर पहुंचे और बिना पंडित से विवाह संपन्न हुआ।
रिश्तेदारों के साथ लड़के के घर पहुंचे लड़की वाले
नौतन प्रखंड के गंभीरपुर गांव में गुरुवार को एक अनोखी शादी देखने को मिली। विवाह में पहली बार वधू पक्ष के लोग वर पक्ष के यहां रिश्तेदारों संग बरात लेकर पहुंच गए। इतना ही नहीं, इस शादी में सबकुछ वैसा ही हो रहा था, जैसा अन्य विवाह में होता है। दूसरा अंतर यह था कि पंडित और हजाम विवाह में नहीं थे। शादी में बिना पंडित के मंत्रोच्चारण और नाई द्वारा किए जाने वाले कार्यों के ही विवाह संपन्न हुआ। इस शादी की चर्चा गंभीरपुर गांव के अलावा आसपास के कई गांव में खूब हो रही है।
पूरे समाज के बीच पत्नी को किया स्वीकार
बताया जाता है कि नौतन थाना क्षेत्र के गंभीरपुर निवासी हरेराम मांझी के पुत्र अमृत मांझी ने 15 जुलाई को प्रखंड के हीरमकरियार निवासी किसान मांझी की पुत्री रमिता के साथ स्वेच्छा से शादी की। पूरे समाज के बीच अमृत मांझी ने रमिता को अपनी धर्मपत्नी स्वीकार किया। इस दौरान लोगों के बीच मिठाइयां बांटी गईं। मौके पर बड़ी काफी संख्या में लोग भी उपस्थित रहे। स्थानीय लोगों ने बताया कि हर घर में लड़के और लड़की जन्म लेते हैं, लेकिन जिसकी जैसी आमदनी रहती है, वह परिवार उस हिसाब से अपने बच्चों की शादी संपन्न कराता है। इस महंगाई व कोरोना काल में इस प्रकार की शादी काफी सराहनीय है। ऐसा ही अन्य लोगों को भी करना चाहिए।