र्टीफाइड यानि पौष्टिकता से भरपूर चावल का इस्तेमाल करना होगा. इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे. शिक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मील में सामान्य चावल की जगह फोर्टीफाइड चावल ही मुहैया कराने की योजना बनाए. भारतीय खाद्य निगम से इसे लेकर संपर्क करें.
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शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों को लिखे पत्र में कहा है कि एफसीआइ ने जो जानकारी दी है, उसमें मौजूदा समय में उसके पास स्टाक में 7.59 लाख टन फोर्टीफाइड राइस मौजूद है जो अलग-अलग राज्यों में मौजूद है. ऐसे में जिन राज्यों में इसकी उपलब्धता है वहां प्राथमिकता से इसे लिया जाए.