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Dilip Kumar Memories: अभिनेता नहीं ख‍िलाड़ी के रूप में लखनऊ आए थे दिलीप कुमार, की थी शानदार बल्‍लेबाजी

Dilip Kumar Memories: अभिनेता नहीं ख‍िलाड़ी के रूप में लखनऊ आए थे दिलीप कुमार, की थी शानदार बल्‍लेबाजी
Dilip Kumar Memories


Dilip Kumar Memories: रंगकर्मी सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ ने बताया कि मेरी और मेरे पहले की पीढ़ी में कोई विरला ही रहा होगा जो दिलीप कुमार के अभिनय का दीवाना न रहा हो। आज से 50 साल पहले मुझे उन्हें आमने सामने देखने का मौका मिला था।

Dilip Kumar Memories:दिलीप साहब के न‍िधन की खबर सुनकर राजधानी के लोगों ने शोक व्‍यक्‍त किया। नवाबों के शहर से भी दिलीप कुमार का पुराना नाता रहा है। दिलीप कुमार का जाना सबको रुला गया। वरिष्ठ रंगकर्मी सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ ने बताया कि मेरी और मेरे पहले की पीढ़ी में कोई विरला ही रहा होगा जो दिलीप कुमार के अभिनय का दीवाना न रहा हो। आज से 50 साल पहले मुझे उन्हें आमने सामने देखने का मौका मिला था। 1971 में शीश महल क्रिकेट टूर्नामेंट के अंतर्गत लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में मशहूर क्रिकेटर मुश्ताक अली के सहायतार्थ एक मैच का आयोजन किया गया था, जिसमें दिलीप सरदेसाई, बापू नाडकर्णी और सलीम दुर्रानी जैसे बड़े खिलाड़ी खेलने आए थे। इस मैच में दिलीप साहब को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था, लेकिन दिलीप साहब ने कहा कि मैं अतिथि के रूप में नहीं, एक खिलाड़ी के रूप में आऊंगा और खेलूंगा।

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मेरे मन में क्रिकेट से कहीं ज्यादा ललक दिलीप साहब को आमने सामने देखने की थी। मित्र राकेश निगम ने कहीं से पवेलियन पास का इंतजाम कर लिया और पहुंच गए हम लोग। पैड और ग्लब्स पहने हाथ में बल्ला लिए जब दिलीप साहब मैदान में उतरे तो खचाखच भरे स्टेडियम का माहौल याद करके अब भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उस दिन दिलीप साहब ने शानदार बैटिंग की थी। एक खिलाड़ी की मदद के लिए ये था अभिनय के बादशाह दिलीप कुमार का जज्बा। भरे मन से उस महान अभिनेता को सलाम और विनम्र श्रद्धांजलि।

दूरदर्शन केंद्र लखनऊ के प्रोग्राम प्रोड्यूसर विवेक शुक्ला ने बताया कि अवध फिल्मस के बैनर तले बन रहे देश के पहले भोजपुरी दूरदर्शन धारावाहिक "सांची पीरितिया" के मुहूर्त के लिए आए थे दिलीप कुमार। 15 फरवरी 1997 को शाहबाद (हरदोई) में हुआ था मुहूर्त।  
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